एसिड अटैक पीड़िता का दर्द तड़प की कहानी है छपाक


दरअसल एसिड अटैक की (फ़ॉर्म में) कोई कैटेगरी नहीं होती न'... नौकरी के लिए इंटरव्यू देने आई एक लड़की से जब एक असहज बॉस पूछता है कि फ़ॉर्म में क्यों नहीं लिखा कि चेहरा जला हुआ है तो उस लड़की का ये जवाब आपको लाजवाब कर देता है.


ऐसी ही जुझारू लड़की की कहानी है छपाक. असल ज़िंदगी में एसिड अटैक का शिकार हो चुकीं लक्ष्मी अग्रवाल के संघर्ष की कहानी को फ़िल्म में दिखाने की कोशिश की है मेघना गुलज़ार और दीपिका पादुकोण ने.


शरीर ही तो झुलसा है
रूह में जान अब भी बाकी है
हिम्मत से लड़ूंगी ज़िन्दगी की लड़ाई
आत्मसम्मान मेरा अब भी बाकी है